ख़ामख़ाह पिछले पहर जो बंधने लगी थी एहसासों की डोरी तोड़े नहीं टूटती थी ना जाने क्यों, नश्तर लगा दिया आज ख़ुद ही मैंने…. दूर चली मैं तुझसे बहुत दूर, फिर ना मिलने की उम्मीद में, कुछ ख्वाबों की पंखुड़ियां समेटे थी हथेलियों में कभी मैंने उड़ा दिया इक-इक कर के खुले आसमान में, कल…
आधी रात की ख़ुमारी रेलवे स्टेशन की अजब सी ख़ुशबू आती जाती ट्रेनें और गूंजती उनकी आवाज़ें गुलाबी सी ठंड और इक इंतज़ार सेलफ़ोन की बैटरी का रूठना उस पल न समझ में आई मजबूरन की हुई प्लेटफार्म पे चहलकदमियां मिलते बिछड़ते लोग और उसी भीड़ में कुछ ढूंढती मेरी आँखे इक किस्से की तलाश…
बात लबों पे जो आज आई है उसे तो कहने दो पर पास न आओ कुछ दूरी तो दरमियान रहने दो हमने छेड़ी जो ग़ज़ल तो तुम्हे सुनना होगा गर बिखरे अश्कों के फूल तो उन्हें चुनना होगा छेड़ो कोई राग और तरन्नुम को अब बहने दो आओ बैठो करीब और जज़्बों को और सुलगने…
आज दी दस्तक़ फिर उसने आख़िर पूरे साल में कांधे पे इक गर्म शॉल और आँखों में इक ख़ामोशी…. पूछ लिया दरवाज़े पर ही अनगिनत सवाल कहा मैंने अब आ भी जाओ थोड़ा ठहरो बैठ भी जाओ कुछ तो अपनी थकन उतारो झाड़ दो उन्हें अपने कांधों से बर्फ के स्याह सफेदी को…. जैसे झाड़े उसने अपने…
अंजुमन मुश्ताक़ है नज़र तेरे अंजुमन में आज, बेक़रार दिल को तेरी आरज़ू भी है , कौन चाहता है कि शब यूँ ढले. इंतेज़ार में शब-ए-महताब है -ममता
ऐ ज़िन्दगी कभी कभी मिसरे पे जां यूँ अटके ज़िन्दगी ऐसे गीत तू क्यों गा रही है तेरे इशारे कुछ समझ ना आये ऐ ज़िन्दगी तू मुझे क्या सिखा रही है राह में इक भरम बिखेर के खलिश-ए-तस्सुवर क्यों करा रही है सबक़ के पन्ने यूँ जुड़ते जाएं शायद ये मेहरबानी तू दिखा रही है…
इब्तेदा- ए- इश्क़ की इक मखमली परवाज़ हूँ मैं अंजाम- इश्क़ की तेरे अनछुई आगाज़ हूँ मैं – © ममता
काश….कि कोई हवा चले और यादों का मंज़र संग लिए जाये दर्द भरा ये मौसम बस यूँ ही चुपचाप पिघलता जाए पिघले जैसे आसमान में तपता बादल ठंडी रातों में पतझड़ में शाखों से जो पत्ते बेरहमी से गिरतें हैं अपनी कहानी दर्द भरी ख़ामोशी से लिख देते हैं पत्तों की ढेरी के नीचे इक…
बिन पंख उड़ जाऊँं बादलों में खो जाऊँ आसमान के गांव में बादलों के छाँव में हवा के सरगोशी के नग़्मे कानों में छम से पिघले मेरे संग तुम आओ ना संग मेरे खो जाओ ना इन नर्गिसी नज़ारों में कुछ चाँद कुछ सितारों में बिन पंख उड़ जाऊँं बादलों में खो जाऊँ - ©…