February 19, 2022 इल्तिजा बात लबों पे जो आज आई है उसे तो कहने दो पर पास न आओ कुछ दूरी तो दरमियान रहने दो हमने छेड़ी जो ग़ज़ल तो तुम्हे सुनना होगा गर बिखरे अश्कों के फूल तो उन्हें चुनना होगा छेड़ो कोई राग और तरन्नुम को अब बहने दो आओ बैठो करीब और जज़्बों को और सुलगने…Hindi PoetriesMamta Sharma0CommentsRead more