आधी रात की ख़ुमारी रेलवे स्टेशन की अजब सी ख़ुशबू आती जाती ट्रेनें और गूंजती उनकी आवाज़ें गुलाबी सी ठंड और इक इंतज़ार सेलफ़ोन की बैटरी का रूठना उस पल न समझ में आई मजबूरन की हुई प्लेटफार्म पे चहलकदमियां मिलते बिछड़ते लोग और उसी भीड़ में कुछ ढूंढती मेरी आँखे इक किस्से की तलाश…