January 14, 2022 बिन पंख उड़ जाऊँं बिन पंख उड़ जाऊँं बादलों में खो जाऊँ आसमान के गांव में बादलों के छाँव में हवा के सरगोशी के नग़्मे कानों में छम से पिघले मेरे संग तुम आओ ना संग मेरे खो जाओ ना इन नर्गिसी नज़ारों में कुछ चाँद कुछ सितारों में बिन पंख उड़ जाऊँं बादलों में खो जाऊँ - ©…Hindi PoetriesMamta Sharma0CommentsRead more